पुलिस का सौ टके का सवाल
पुलिस का सौ टके का सवाल
डॉक्टर शादाब की अगर किसी से रंजिश नहीं थी तो फिर उनके बदन में आखिर 31 गोलियां क्यों किसी कातिल ने झोंकी? खुद से पैदा इस सवाल मे जूझती हुई बुलंदशहर पुलिस पहुंच गई हापुड़. हापुड़ में कत्ल की उस वारदात या लाश की कहानी के करीब, जिसे इसी साल 18 मार्च को हापुड़ के हाफ़िज़पुर इलाक़े में अंजाम दिया गया था. पुलिस ने हापुड़ के हाजीपुर इलाके में हुए उस कत्ल की कुंडली खंगाली तो, उसके तार बुलंदशहर में कई किलोमीटर दूर हुए डॉक्टर शादाब हत्याकांड से मिलने लगे. पता चला कि हापुड़ में जिस इरफान नाम के शख्स का कत्ल इसी साल 18 मार्च को किया गया था, उसकी लाश के भी 31 टुकड़े किए गए थे. उन 31 टुकड़ों के लिए हत्यारों ने अलग अलग स्थानों पर 31 ही कब्र (गढ्ढों) का इतंजाम करके, उन 31 टुकड़ों को दफन कर दिया गया था.
जब कड़ी से कड़ी जुड़ती गई
बुलंदशहर पुलिस जब डॉक्टर शादाब हत्याकांड और हापुड़ में हुई इरफान खान की हत्या के बीच में पुहंची तो, उसे और भी काफी कुछ ऐसी जानकारियां मिलती गईं जिन्होंने, क्राइम की इस कहानी की कड़ी से कड़ी जुडवा दी. पता चला कि 18 मार्च को हापुड़ में इरफान खान की हत्या बुलंदशहर में 31 गोलियां मारकर कत्ल किए गए डॉक्टर शादाब के भाई, रागिब ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर की थी. इरफान की लाश के भी कातिलों ने 31 ही टुकड़े किए गए थे. उन टुकड़ों को हत्यारों ने अलग अलग जगहों पर 31 गड्ढे (कब्र) खोदकर दफ़न किया था. बस बदन में 31 गोली और एक लाश के 31 टुकड़ों की कड़ी से कड़ी जुड़ते ही बुलंदशहर पुलिस, अपने इलाके में हुए शाबाद हत्याकांड के खुलासे के मुहाने पर जा पहुंची.
सही निकली पुलिस की आशंका
डॉक्टर शादाब हत्याकांड की पड़ताल में जुटी बुलंदशहर पुलिस को पता चला कि, डॉक्टर शादाब के घरवालों ने जिन चार लोगों को नामजद करवाया था, वे सभी हापुड़ में इसी साल 18 मार्च को कत्ल किए जा चुके इरफ़ान के भाई थे.वही इरफान जिसकी हत्या में डॉक्टर शादाब के भाई और उसके दोस्तों का नाम आ रहा था. पुलिस ने 31 कब्र, एक लाश के 31 टुकड़े और एक शख्स के बदन में 31 गोलियों की तो कड़ी से कड़ी जोड़ ली. इसके बाद भी मगर सभी कातिलों की गिरफ्तारियां नहीं हो सकीं है. गिरफ्तारियों के लिए बुलंदशहर पुलिस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अभी तक अपना जाल बिछाए हुए है.
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